मंडप चोबारा महिलात,

सखर विछायत भूमी सात।

गोख जोख बारी जाळियाँ,

चोखी चांदणि चित्रसाळियाँ॥

यहाँ के देवालय(मंदिर) चारों ओर से खुले हैं तथा भवन और महल सुन्दर आँगन एवं सज्जा सहित सात-मंजिले हैं। जिनमे वैभव सम्पन्न गवाक्ष(गोखड़े) खिड़कियाँ जालियाँ,श्रेष्ठ छतें और चित्रशालाएँ बनी हुई हैं।

स्रोत
  • पोथी : खुमाण रासौं (खुमाण रासौं) ,
  • सिरजक : दलपत विजय ,
  • प्रकाशक : ब्रज मोहन जावलिया
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