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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
गोरखनाथ ग्यांन यह दीन्हो
स्वामी रुघनाथदास
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गोरखनाथ
ग्यांन
यह
दीन्हो,
जन
हरीदास
हिरदै
धरि
लीनों।
आन
भरम
सब
दियो
उठाई,
देव
निरंजन
सूं
ल्यो
लाई॥
स्रोत
पोथी
: श्री महाराज हरिदासजी की वाणी सटिप्पणी (हरीदास की परचई)
,
सिरजक
: स्वामी रुघनाथदास
,
संपादक
: मंगलदास स्वामी
,
प्रकाशक
: निखिल भारतीय निरंजनी महासभा,दादू महाविद्यालय मोती डूंगरी रोड़, जयपुर
,
संस्करण
: प्रथम