गुरु बिन नाम हाथ नहीं आवै,

गुरु बिन पार कौन पहुंचावै।

गुरु बिन कथै-बकै सब झूठा,

गुरु बिन साहब रहे अपूठा॥

स्रोत
  • सिरजक : किशनदास जी महाराज
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