दशलाक्षण पर्व
यह त्यौहार चैत्र मास की शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक दिगम्बर जैनों में मनाया जाता है।
सुगंध दशमी
भाद्रपद शुक्ल दशमी को सुगंध दशमी का त्यौहार मनाया जाता है।
रत्नत्रय
भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णमासी तक रत्नत्रय का त्यौहार मनाया जाता है।
अष्टाहाइका
जैन मतावलंबी प्रति माह आषाढ़, कार्तिक व फाल्गुन शुक्ल पक्ष में अष्टमी से पूर्णमासी तय अष्टाहाइका का त्यौहार मनाया जाता है। इस अवसर पर बावन जिन चैत्यालयों की उपासना की जाती है।
पर्युषण पर्व
पर्युषण के अर्थ निकट बसना होता है। यह भाद्रपद माह में दस दिन तक मनाया जाता है। यह जैन धर्म का सबसे पवित्र और महत्त्वपूर्ण उत्सव है। इस उत्सव का अंतिम दिन संवत्सरी कहलाता है।