मजबूती पनौ रखनो मन में, दुख दीन पनौ दरसावनौ ना।

वहनौ कुल रीत सुं मारग में, हिय ते हरि हेत हटावनौ ना।

'चिमनेस' खुबी हस बोलन में, बिन स्वारथ बैर बसावनौ ना।

उपकार भलाई करौ तो करौ, मर जावनौ है फिर आवनौ ना॥

स्रोत
  • पोथी : मूल पांडुलिपि ,
  • सिरजक : चिमनजी दधवाङिया