राम के नाम की गम नहीं, पिंडत हुआ क्या फिरता है।
गीता कुरान पुरान पढै, दिल दाम दाम ही जरता है।
गनगत के जाणके अरथ करै, धीरज संतोख न दरता है।
सांईदीन फकीर दुरस कहै, झकझोर बबोर क्यूं करता है?