हे महाराणा फतह सिंह ! जिस सिसोदिया कुल सिंहासन के आगे कई राजा,महाराजा,राव,उमराव ,बादशाह सिर झुकाते थे। लेकिन आज सिर झुके राजाओं की पंगत में शामिल होना आपको कैसे शोभा देगा?
स्रोत
पोथी : राजस्थानी साहित्य सुजस
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सिरजक : केसरी सिंह बारहठ
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प्रकाशक : राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, जयपुर।