जूंझ्या केइक जूंझार,कीरत रा कमठांण में।
झाली थें रिझवार, सरसत री कल्यांण रा॥
कलम तेग कर अेक,वांणी वार ज साधिया।
बचन करम री रेख,कायम की कल्यांण रा॥
जस इण जग रौ जीत, परलोकां पद पावियौ।
नीर कमळ री रीत, राखी थें कल्यांण रा॥
बाही थें रस-बेल,फळ मुगती रा फूलिया।
करम धरम री केळ, करग्यौ थूं कल्यांण रा॥