पाळे मतना पाळ, पाळ मना में प्रीतड़ी

टंटो झूठो टाळ, बणै जठै तक, बावळा॥१॥

भँवर पडंता पाण, भँवर फँसै जा भँवर में

घर-ग्रिस्थी रो घाण, बुरो भँवरगी, बावळा॥२॥

साधै जद सौक, खुदरा खुदरा खरच कर

पाण दूसरां मौज, बाण बुरी है, बावळा॥३॥

उलटो काड्यां अर्थ, रोळी रोळी होयज्या

परख सबद रो फर्क रोळी मत कर, बावळा॥४॥

बैठ कदै बाजोट, चोपड़ की खाता जिका

चाबै सूखा रोट, बैठ्या चौपड़, बावळा॥५॥

सांसा सलट्या नाय, दिन-दिन दूणा बध्या

सांसा सलट्या जाय, छिण-छिण छीजे बावळा॥६॥

नाचै नटणी बांस, बस नट रै बिसवास पर

बिसवासां में बांस, बिसणै मत दे, बावळा॥७॥

दे जग ढांढा बाड़, बाड़ नीं होयां बाड़िए

ठाडी राखो ठाड, बाड़-बाड़िए, बावळा॥८॥

रमै रचाता रास, कंवळी कलियां सँग सदा

रास नीं आवै रास, बां भँवरा नै, बावळा॥६॥

चोर करावे जाँच, जाँच, करणिया चोरटा

आवै कैया आँच, बता चोर पर, बावळा॥१०॥

दियो, बाती, तेल, ज्यूं काया बिन आतमां

चिणगारी री चेळ, बसै उजाळो बावला॥११॥

आडू चढग्यो ऊँट, झैकाणो जाणै नहीं

ठाला-भूला ठूठ, आफत रा घर, बावळा॥१२॥

ताऊ पूरो तोल, न्याय ताकडिए न्याय कर

भुकतै पलड़ै झोल, बात बुरी है, बावळा॥१३॥

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : ताऊ शेखावटी ,
  • संपादक : भगवतीलाल व्यास