“कठिण जमानो” कौल, बाँधे नर हीमत बिना।

(यो) बीराँ हंदो बोल, पातल साँगे पेखियो॥

हे महाराणा यह समय बहुत कठिन है इस समय प्रतिज्ञाओं और वचन का पालन करना बिना हिम्मत के संभव नहीं है अर्थात इस कठिन समय में अपने वचन का पालन सिर्फ एक वीर पुरुष ही कर सकता है। जो शूरवीर होते है उनके वचनों का ही महत्व होता है। ऐसे ही शूरवीरों में महाराणा सांगा, कुम्भा महाराणा प्रताप को लोगो ने परखा है।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य सुजस ,
  • सिरजक : केसरी सिंह बारहठ ,
  • प्रकाशक : राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, जयपुर।