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अंजस सोशल मीडिया
बाघा आव वळेह
आशानंद बारहठ
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बाघा
आव
वळेह,
धर
कोटड़े
तूं
धणी।
जासी
फूल
झड़ेह,
वास
न
जासी
बाघजी॥
स्रोत
पोथी
: बाघा रा दुहा (चारण समाज के गौरव)
,
सिरजक
: आशानंद बारहठ
,
संपादक
: जगदीश रतनू 'दासौड़ी'
,
प्रकाशक
: जगदीशराज सिंह 'डांडूसर'
,
संस्करण
: प्रथम
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