गिरद गजां घमसांणष नहचै धर माई नहीं।

(ऊ) मावै किम महाराणा, गज दोसै रा गिरद मे॥

मेवाड़ के महाराणाओं द्वारा लड़े गए अनगिनत घमासान युद्धों में जिनमे हजारों हाथी असंख्य सैनिक होते थे कि उनके लिए धरती कम पड़ जाती थी आज वे महाराणा अंग्रेज सरकार द्वारा २०० गज के कक्ष में आयोजित समरोह में कैसे समा सकते है? क्या उनके लिए यह जगह काफी है?

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य सुजस ,
  • सिरजक : केसरी सिंह बारहठ ,
  • प्रकाशक : राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, जयपुर।