मोगट राज नो मोने पेरावो रे, मोगट राज नो मोने पेरावो रे।

तमेस्यो च्यंगी सीस पाग चोहावो, लटपट चोगलो, लटपट चोगल उपर पेरावो रे॥

वेजन्ती वरमाल पेरावो, भोजां बल बाहें ग्रहि।

भोजां बल बाहें ग्रहि बाथ भरावो॥ मोगट॥

मोरली माहेरा हाथ में आलो, अधर अमातम।

अधर अमातम मोख में, घालो रे॥ मोगट॥

सख सखी च्यति मानज दिजो, पाटपणो एम।

पाटपणो एम भाए दिजे रे॥ मोगट॥

वेण पर अरज करी राधा प्यारी, आप आधारो रे।

आप ओधारो रे साम मोरारी॥ मोगट॥

स्रोत
  • पोथी : संत मावजी ,
  • सिरजक : संत मावजी ,
  • संपादक : मथुराप्रसाद अग्रवाल एवं नवीनचन्द्र याज्ञिक ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम