कठिन क वचन न बोलीयि, रह्या अेकठा दोयरे।
पंचलोकां मांहि इम भणी, जिह्वा करे यने हीयरे॥
अह्यो चार्वा चूरी रसकसू, अह्यो करु अपरमादरे।
कवण विघारी बापड़ी, विंठी करेय संवाद रे॥