राजस्थानी सबदकोस

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बेल रो राजस्थानी अर्थ

  • शब्दभेद : सं.पु.

शब्दार्थ

  • प्राय सारे भारत में पाया जाने वालाएक वृक्ष जिसकी शाखाओं पर कांटे होते है। इसके पत्ते शिवजी को पूजार्थ चढ़ाये जाते है
  • उक्त वृक्ष का फल जो औषधि के काम आता है तथा जिसका मुरब्वा भी बनता हे। सं.स्त्री.(सं.बेल्लि)
  • वह कांमल व लम्बा पौधा जिसका तना मोटा नहीं होता तथा जो भूमि पर लम्बा फैल जाता है या किसी वप्रकार के सहारे से , पर की ओर भी बढ़ता है। लता। (डिं.को.)