छापरउ कियउ छाँगाँ छयाँह, बळिवण्डि राइ फरि फेरि बाँह।

चउँड रा’उ चड़िय मोहिल्ल चीति, राहाचरक्क देखाळि रीति॥

शक्तिशाली राव चूंडा ने अपने हाथों से शस्त्र चलाकर छापर के शासक की सेना को तितर-बितर कर दिया। उसके चित में मोहिल चढ़ गये। उन्हें युद्ध की रीति दिखाई॥

स्रोत
  • पोथी : छंद राउ जइतसी रउ (छंद राउ जइतसी रउ) ,
  • सिरजक : बिठु सुजा ,
  • संपादक : मूलचंद ‘प्राणेश’ ,
  • प्रकाशक : भारतीय विधा-मंदिर-प्रतिष्ठान, बीकानेर
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