तेहारा नाम, में मिट्टी की बंधी, मिट्टी से बनाइ देह ये गाफिल गंधी।
मिट्टी का ओढना, मिट्टी का जु विछौना आखिर की निशान मिट्टी में समाना।
मिट्टी के धन, मिट्टी के भंडार, मिट्टी के हीरा, मिट्टी के सरदार।
मिटी के घोड़ा, मिट्टी के असवार मिट्टी के हस्ती, मिट्टी के राजकुमार।
गवरी कहे संसारी तो, आकाश केरे फुल।
निज रामनाम समरो, माया देखी मत भुल॥