सांच बडौ संसार मां, साच सरे सब काज।

पांच करोड़ी ले तरयौ, सतजुग मां पहराज॥

संत केसोजी इण दोहे में साच नै एक धरम मानतां थकां बता रहया है कि साच बोलण स्यूं सुख री प्राप्ति होवै है अर साच स्यूं ही सारा काम सरै है।

साच तणौ ही सतजुग में पहळाद भगत पांच किरोड़ जीवां नै ले पार उतरियौ॥

स्रोत
  • पोथी : हिंदी संत परंपरा और संत केसो ,
  • सिरजक : संत केसोदास ,
  • संपादक : सुरेंद्र कुमार ,
  • प्रकाशक : आकाश पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स , गाजियाबाद - 201102 ,
  • संस्करण : प्रथम