मत कर मन मगुरूर गुमाना
काची काया छीन में उड जाये, जैसे पीपल का रे पाना मत...
राज पाठ अरू छत्र सिंघासन छांड चले राजा राना
जल गया तेल, बुझाइ गइ मिट्टी, मिट्टी में मिल जानां मत...
बावन बजार, चौरासी चौवटा, सात समुंदर कोट कहाना
सोइ रावण रण में रोलाया, ठाम नहीं रे ठिकाना मत कर...
हीरा, मोती आभूषण प्हेनते, लविंग सोपारी पान खाना
झीणा मलमल, जामा प्हेनते सो चले रे मसाना मत कर...
आवे देखन में, जाये जीन्ने, रूप ने नाम धराना
गवरी राम रूदे नहीं जान्या, दुनिया भुली रे दिवाना मतकर...