इण घट अन्दर बाग बगीचा, इण में सिरजन हारा रे।
इण घट अन्दर सात समन्दर, इण में नव लख तारा रे।
इण घट अन्दर अणहद गूंजे, इण में सब संसारा रे।
पीपा के तो घणो भरसो, इण भज सांई म्हारा रै॥