गउ बीज कौ नास कराय, तेण्य पाप सूं परल जाय।
जे कौ पुछ कुड़ कथाय,पंथ सगल नै लाज मराय॥
गाय बलद मत चोट द्यौ,पशु अबोल अनाथ।
वसत पराइ परहरी ,पड़य न घाती घाव॥
जकौ आदमी गाय रौ बीज नास करण रौ प्रयास करै है, उणी पाप सूं उणां रौ विनास हो सकै है।
जकै पंथ -संप्रदाय रौ आदमी ऐड़ौ काम करण री कौसिस करै है वो सगळ पंथ नै सरमिंदौ करै है। गाय - बळद अबोल -अनाथ जानवरां ने कदैयी परिवार सूं पराया नहीं समझणां चहिजै अर इणां नै किसी भी सूरत में चौट पहुंचावण री कौसिस नहीं करणी चाहिए।