A collection of Folk Theatre forms and performances such as Rammat, Khayal, Saang, Phad etc.
माडपुरो, हड़ाऊ मेरी रम्मत, बीकानेर होळी
विवरण
हड़ाऊ मेरी री रम्मत बीकानेर रै बारह गवाड़ चौक में होळकां रै दिनां में होवण आळी मिनखां री रम्मत है। आ रात नै सरु होवै जिकी दिनुगै तांई चालै। आ रिकॉर्डिंग मार्च 2022 री करियोड़ी है। रम्मत एक लोक-नाटक कला है, जिणमें राजा हड़ाऊ अर राणी पद्मिनी रो संवाद है। राणी राजा रै साथै जावणी चावै, पण राजा मानै कोनी। इण भूमिका रै साथै मुख्य रूप सूं दोनां रो संवाद है। ओ संवाद नोंक-झोंक, तकरार, मनवार अर प्रेम सूं भरपूर है। इण रम्मत री सरुआत जवाहरलाल पुरोहित करी। रम्मत रा सगळा कलाकार स्थानीय होवै अर बै महीने पेला सूं इणरो अभ्यास करै, पुराणिया कलाकार, नवौडा़ नै सीखावै।
माडपुरो गीत: जयपुर में हे.. हे राज.. हे केसरिया भेस और प्यारा म्होँनैं ले हालो, हे राज म्हारे उन्ह देस प्यारा म्हाँने ले हालो सायबा जी हो, म्होंनें ले हालो रे माडपुरे रा गाँव हो हो जी हो, प्यारा म्होंनैं ले हालो सायबा जी हो म्होंनें ले हालो रे माडपुरे रा गाँव अरे जयपुर म्हारो सासरो रे, माडपुरो म्हारो गाँव अरे जयपुर म्हारो सासरो रे, माडपुरो म्हारो गाँव ले हालो रे अरे म्होंनें ले हालो साहिब जी ओ म्होंनें ले हालो रे माडिपुरे रा गाँव अरे जयपुर रे बाजार में रे रंगरेजे री हाट अरे जयपुर रे बाजार में रे रंगरेजे री हाट अरे म्हारी रंग दे चूँदड़ी अरे आसिक रो रुमाल ले हालो रे म्होंनें ले हालो सायबा जी हो म्होंनें ले हालो रे माडिपुरे रा गाँव अरे जयपुर रे बजार में रे बैल बिकाऊ आय जयपुर रे बजार में रे बैल बिकाऊ आय सायबो हुवे तो मोल लूँ ले हालो रे प्यारा म्होंने ले हालो साहिब जी हो म्होंनें ले हालो रे माडपुरे रा गाँव अरे जयपुर रे बाजार में पड़्यो प्रेम की ले हालो रे प्यारा म्होंने ले हालो साहिब जी हो म्होंनें ले हालो रे माडपुरे रा गाँव