छुटै वर तोप कबान बान। बजे रन तूर गजे असमान॥

धरक्किय भूमि थरक्किय मेर। करक्किय कम्मठ कोल अफेर॥

खरक्किय खप्पर पक्खर जूह। गहक्किय गोम कहक्किय ब्यूह॥

हक्किय फेर तहां नृप वग्ग। निरच्छिय राजनि चच्छ सुगग्ग॥

किलक्किय देवि भलक्किय संगि। चलक्किय वंद्दल दामनि रंग॥

रलक्किय संगनि संगि छछोह। धमंकिय मुद्धि कवच्चनि बोह॥

भभक्किय सोत भटक्किय अग्ग। कटक्किय दामनि वद्दल वग्ग॥

लहक्किय साहि तलक्किय वाज। झलक्किय सिंध छलक्किय पाज॥

चहक्किय सिंधु सुर सहनाय। ढहक्किय रंभ अयासनि आय॥

कहक्किय हींस हयंवर सद्द। डहक्किय डक्क डेरूव नद्द॥

खनंक्किय खुप्पर खग छछोह। झनंकिय वीन मनंकिय मोह॥

परै गज कुंभ भसुंड सुदंत। त्रुटे कर जार विहार विभंत॥

स्रोत
  • पोथी : रतन रासौ (कुंभकरण सांदू) ,
  • सिरजक : कुंभकरण सांदू ,
  • संपादक : नारायण सिंह सांदू ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र। ,
  • संस्करण : प्रथम