अभीत अजीत असाधि अगाधि।

साबिति सुरंग अलंगन साधि॥

चढाव लगाव डाव चौकोर।

नृभै सुर असुर नाग रहोर॥

बिलंद उरद्धह गाब्बिवजंन।

जलाब्रत गोलक इक्क जोजन्न॥

अथाह सग्राहित खंदक अच्छ।

मधे मकराकुल कच्छिप मच्छ॥

स्रोत
  • पोथी : रतन रासौ (कुंभकरण सांदू) ,
  • सिरजक : कुंभकरण सांदू ,
  • संपादक : नारायण सिंह सांदू ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर। ,
  • संस्करण : प्रथम