अभीत अजीत असाधि अगाधि।
साबिति सुरंग अलंगन साधि॥
चढाव लगाव न डाव चौकोर।
नृभै सुर असुर नाग रहोर॥
बिलंद उरद्धह गाब्बिवजंन।
जलाब्रत गोलक इक्क जोजन्न॥
अथाह सग्राहित खंदक अच्छ।
मधे मकराकुल कच्छिप मच्छ॥