हनुमानगढ़ रा रचनाकार
कुल: 58
कुल: 58
सिरैनांव कवि। 'लू' अर 'बादळी' जेड़ी राजस्थानी साहित्य री कालजयी पोथियाँ रा सिरजक।
टाबर बण टाबरां सारू न्यारी-निरवाळी दुनिया रचै। पांच दरजन सूं बेसी पोथ्यां। साहित्य अकादेमी रौ बाल साहित्य पुरस्कार। 'टाबर टोळी' पत्रिका रौ संपादन।
कवि-लेखक अर पत्रकार। ‘गम्योड़ा सबद’, ‘म्हारो काळजो’ नांव सूं कविता संकलन प्रकाशित।
चावा कवि-अनुवादक। 'रणखार' कविता संग्रै माथे केन्द्रीय साहित्य अकादमी रो युवा पुरस्कार।
चावा कवि-लेखक। 'माटी री महक' कथा संग्रै माथै केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।