धर वराह अवतार, मुरदाणु हरि मारियो।
डाढा दई पसार, सारो साथ सिंघारियो।
सगळो साथ सिंघारियो नै, पापी किया पेमाल।
मुख में रोल रवे ज्यों राख्या, डाढा बीच दयाल।
अपणां संत उबारिया, सही सिरजणहार।
पोकर तीर्थ परकट कियो, धर वराह अवतार॥