ड़ (नं) ड़ा (नां) नंद्या परहरी, पर नंद्या न करेह।
सोभा नहीं संसार मां, पलत्य पात्रग लेह।
पलत्य पात्रग लेह, व्रस्य देखौ नर जोई।
ओर पाप कूं नफो, नंद्य कूं नफो न कोई।
एती चालो जाण्य, छोड़ि मन ही मन्य नंद्या।
विसन जपौ संसारि, ननां परहरि परनंद्या।
हे प्राणी, पराई निंदा मत करो। इसकी संसार में कोई शोभा नहीं है, इसलिये इसे अपने पल्ले मत बांधो। इसको पहचान कर देखो। पापों में तो एक बार लाभ भी दिखाई देता है, लेकिन इसमें कोई लाभ नहीं है। इस बात को समझो। निंदा को त्यागो। इसलिये हे प्राणी, विष्णु भगवान का स्मरण करो और पराई निंदा मत करो।