सियाळै मै सी पड़े भाई, सूनी होजा नाकड़ली।

डांफर चालै दांत बाजै, दोनूं धूजै टांगड़ली॥

हाथ पगां मै ठ्यारी लागै, ब्याई फाटै अेडड़ली।

तेल लगावै, चोपा देवै, लीरयां बांधे मावड़ली॥

झूपड़ली तींणा सूं आवै, ठंडी तीखी पूनड़ली।

गोडा बीचां माथौ लीनौ, खांचे-तांणै कामळड़ी॥

रूख - बांठका स्सै मुरझाया, डांफर चाल्यां रातड़ली।

घड़िया-माटा पांणी जमग्यौ, पाळो पड़तां गांवड़ली॥

राम नाम नै जपतौ-जपतौ, धोवै मूंडी हाथड़ली।

भजन गावतौ करें कांमड़ौ, कड़कड़ बाजै दांतड़ली॥

स्रोत
  • पोथी : मूंडै बोले रेतड़ली ,
  • सिरजक : सरदारअली परिहार ,
  • प्रकाशक : परिहार प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम