बुढा बडेरा टावर टोळी, रमता दीसै टीबड़ली।

बिना रम्यां सूं जीणौ दोरौ, ज्यूं जीणौ बिन रोटड़ली॥

टाबरिया घरकुलिया रमलै, गबरू कुसती गांवडली।

मोटयारां री रम्मत तास है बूढा चौपड़ जाजमड़ी॥

आंघल घोट रम्मत मांथनै, पाटी बांधै आंखड़ली।

आंधौ बणियौ चक्कर खावै, टंटोळ पकड़ै हाथड़ली॥

मीयां घोड़ी रम्मत टाबरां, धरै हाथ झुक भींतड़ली।

घोड़ी बणणो पड़सी भाई, जमी लागियां टांगड़ली॥

ठिया दड़ी री रम्मत मांयनै, दूम्बा राखी डांगड़ली।

आमी सामी दड़ी फैंकता, पड़ता बोचै हाथड़ली॥

स्रोत
  • पोथी : मूंडै बोले रेतड़ली ,
  • सिरजक : सरदारअली परिहार ,
  • प्रकाशक : परिहार प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम