पंखिया परदेसी अजकाय,
आगमै असमांनी असमांन।
उडै कोइ आथूंणी गुलाल,
आई सांझ धरा मिजमांन।
अर्थ :
परदेशी पक्षी नीलाकाश में (अपने नीड़ की ओर) व्यग्रता से आने लगे हैं। धरती पर संध्या मेहमान बन कर आई है (जिसके स्वागत में) पश्चिम दिशा की लालिमा (के रूप में) मानो गुलाल उड़ा रही है।