तुल्यो पूरै तोल, मिल्या पूरा पारखी।

हीरो अणमोल, मिल्यो सम्प्रत राख में॥

स्रोत
  • पोथी : बाळसाद ,
  • सिरजक : चन्द्रसिंह ,
  • प्रकाशक : चांद जळेरी प्रकासन, जयपुर
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