देश हितार्थ भाव दिल,
तन -जन भंजै तोट।
इसड़ां नै दैणो अवस,
बढ चढै नै नित वोट॥

भुजंगी

 सुणै बैठनै जाजमां   बात सारी।
करै पीड़ हरेवाय हाथ कारी। 
जको जात -पांति नाहि भेद जाणै।
तिको आपरै द्वार पे त्यार टाणै।
विचारै सदा ऊंच नै साच वैणो।
दिलां खोल एड़ै नैय वोट दैणो॥

 प्रिथी आपरा बापरा बोल़ पाल़ै।
बुरीगारियां आयनै मूंह बाल़ै।
जको नाय गूंथै हिको जात जाल़ो।
पखै होय मंडै नही गांम पाल़ो।
गुणी सादगी गात सोहात गैणो।
दिलां खोल एड़ै नैय वोट दैणो॥

 भ्रष्टाचार वाल़ी नही लीक भावै।
जको जारड़ां साथ नीं पैंड जावै।
लगावै नहीं बोलड़ां लाय लेखो।
छतो आफतां साथ दे माथ छेको।
सनेही बिनां भेद रू साव सैणो।
दिलां खोल एड़ै नैय वोट दैणो॥

 मिलै नेह सूं गेह में होय मातो।
नितां पाल़णो भीरूवां नाड़ नातो।
बधावै उन्नती रुजग्गार बो'ल़ा।
चवां गात धारै बिनां दाग चोल़ा।
लजा नैण राखै नहीं सूंक लैणो।
दिलां खोल एड़ै नैय वोट दैणो॥

 पुणां नाय होवै जको देख पाजी।
रखै भेद बिनां सबै धर्म राजी।
मुणां केस नाही हिको जेण माथै।
नहीं जीतियां जावणो जाण नातै।
रजा धार नै साम री ओट रैणो।
दिलां खोल एड़ै नैय वोट दैणो॥

दहै मंच माथै नही बोल दोटा।
मनां भाव पाल़ै इको छोट-मोटा।
गिणै पारखा एक न्याती-गिनाती।
पठावै जिको याद सूं प्रेम पाती।
रसा पद्द रै मद्द में नाय रैणो।
दिलां खोल एड़ै नैय वोट दैणो॥

 भलो आयनै आपणी बोल भाषा।
अखै पूरणी चाय सो निज्ज आशा।
नथी आपजो जेण नै यूं निराशा।
हिवां आप दीजो उवै नै हुलासा।
करीज्यो कवी गीध रो काम कैणो।
दिलां खोल एड़ै नै वोट दैणो॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणयोड़ी ,
  • सिरजक : गिरधर दान दासोड़ी