क्यांमखां रै जलम लेवतां, हरख मनावै रेतड़ली।
दिली बादसा हेला देवै, पलक बिछायां आंखड़ली॥
नागांणै में जीत क्यांमखां, पूग्या दिल्ली कांकड़ली।
दुसमी फौजां दिखै भाजती, खांडे पळक्यां धारड़ली॥
ताज, मुहम्मद लड़ै सूरमां, दुसमी धूजै टांगड़ली।
रांणौ मोकल डरती भाज्यौ, छोड मरू री धरतड़ली॥
फतेपुर मै राज थरपीयौ, झंडौ लीयां हाथड़ली।
फत्तेख री फते हुई है, धूसौ बाजै गांवड़ली॥
फत्तेखां री फौजां साथै, जोधा दीसे धाकड़ली।
बिन माथै रै लड़ै जुझारूं, बहुगुण ऊभौ टीबड़ली॥
नांहरखां जी नाहर बणग्या, दिखै तोड़ता दांतड़ली।
पंवारां री हिरड़ै काड दी, लीनी हाथां जीतड़ली॥