चोपई
आगलि बेठउ राघव व्यास, पुस्तक ऊपरि अधिक प्रयास।
सइं मुखि पूछइ इम सुलितांण, पदमिणि नारि तणा इहनाण॥
पातिसाह कथन (कुंडळीउ)
आलिम साहि अलावदी, पूछइ व्यास प्रभाति।
रतनपरीक्षा तुम्हि करु, त्री की केति जाति।
त्री की केती जाति, कहइ राघव सुविचारी।
रूपवंत पतिव्रता, प्रिया सो होइ पियारी।
हस्तिणि कि चित्रिणि सुंखिणी, पुहवि वडी पदमावती।
इम भणई विप्र साचु वचन, आलिम साहि अलावदी॥