अब टूट्यो, टूट्यो अभी, छीकों माथै मांय।

लाळ टपकती भाजपा, पूंछ डुलाती जाय॥

स्रोत
  • पोथी : पोलमपोल भायाजी ,
  • सिरजक : कर्पूरचंद कुलिश ,
  • प्रकाशक : राजस्थान पत्रिका प्रकाशन