रसना अधर पल किंदुरी पकी दृगंत,

तक्षक सिंदूर और हिंगरू बखानि हैं।

दाडम पलास काशमीरी जसूस फूल,

सारस कुर्कुट की सीखा अनुमानि हैं।

मानक खद्योत इन्द्र गोप कुज पावक हैं,

किसलै मजीठ रक्त चंदन पिछानि हैं।

रौद्ररस महावर गेरू रुधिर संध्या,

रजोगुन विषयी को ऐसो मन जानि हैं॥

स्रोत
  • पोथी : पाण्डव यशेन्दु चन्द्रिका ,
  • सिरजक : स्वामी स्वरूपदास देथा ,
  • संपादक : चन्द्र प्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादमी, नई दिल्ली। ,
  • संस्करण : तृतीय