दिन जनम प्रिथिराज, खरिग बत्तह कनबज्जह।

दिन जनम प्रिथिराज, दिन गज्जन पुर भज्जह।

दिन जनम प्रिथिराज, दिन पट्टन वै सद्धिय।

दिन जनम प्रिथिराज, दिन मन कालन खद्धिय।

दिन जनम प्रिथिराज भौ, दिन भार धर उत्तरिय।

बतरीय अस अंसन ब्रहम, रही जुगे जुग बत्तरिय॥

स्रोत
  • पोथी : पृथ्वीराज रासो ,
  • सिरजक : चंद बरदाई ,
  • संपादक : श्रीकृष्ण शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्यागार, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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