तूं हिज राउ गोरिल्ल! तुं हिज दल माहे वड्डउं।

तुं हिज राउ गोरिल्ल! तुं हिज मोरा प्रिय अड्डउ।

तुं हिज राउ गोरिल्ल! तुं हिज दल बीडउ झल्लइ।

सुणि राउत गोरिल्ल! नारि पदमावती बुल्लइ।

अवर सुहड सत्त हीण हूअ, जस लीजइ तइँ एकलइ।

अल्लावदीन सुं खग्ग वलि, रतनसेन छोडावि लइ॥

स्रोत
  • पोथी : गोरा बादल पदमिणी चउपई ,
  • सिरजक : हेमरतन सूरि ,
  • संपादक : मुनि जिनविजय ,
  • प्रकाशक : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर ,
  • संस्करण : द्वितीय
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