कर्ण-अभिषेचन औ-द्धंद्ध युद्ध एक द्यौष,

रात्रि समै मंत्र सल्य सारथी विचार्यो है।

दूजै दिन सारथी महारथी विवाद तामें,

मरूदेश सेनानी को माजनो बिगार्यो है।

ऐंच्यों चीर तेई भुज ऐंचि दोउ सैन्य बीच,

पीयो श्रोन भीमसेन दुशासन मार्यो है।

युधिष्ठिर अर्जुन की स्व तैं मृत्यु टारी कृष्ण,

पुत्र वृषसेन जुत कर्ण मारि डार्यो है॥

स्रोत
  • पोथी : पाण्डव यशेन्दु चन्द्रिका ,
  • सिरजक : स्वामी स्वरूपदास देथा ,
  • संपादक : चन्द्र प्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादमी, नई दिल्ली। ,
  • संस्करण : तृतीय