जेण लाज हम्मीर मुवो, जुझे रिणथंभर।

जेण लाज पातल्ल मुवो, पावागढ़ ऊपर।

जेण लाज चुंडराज मुवो, नागोर तणे सिर।

कान्हड़दे जाळोर अनै, दूदौ जेसलगिर।

बड घरां लाज राखण वडी, करण-सधू खत्रवट करे।

सो लाज काज ऊमां सती, मालराव कारण मरे॥

स्रोत
  • पोथी : उमादे भटियाणी रा कवित्त ( प्राचीन काव्य) ,
  • सिरजक : आशानंद बारहठ ,
  • संपादक : मनोहर शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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