गुरड़ चढौ गोविन्द, सांढ चढ आवो संकर।
इन्द्र चढौ इण वार, पीठ एरावत सद्धर।
हंस चढौ सुर जरठ, चढौ देवी सिंघाणै।
चढौ सूर सपतास, चढौ अपछरा विमाणै।
सांपड़े सूर मुख सामही, ध्रुव जेही सांचै धड़ै।
सुर इता आज आवो सती, चढ आंजस काठां चढै॥