गुरड़ चढौ गोविन्द, सांढ चढ आवो संकर।

इन्द्र चढौ इण वार, पीठ एरावत सद्धर।

हंस चढौ सुर जरठ, चढौ देवी सिंघाणै।

चढौ सूर सपतास, चढौ अपछरा विमाणै।

सांपड़े सूर मुख सामही, ध्रुव जेही सांचै धड़ै।

सुर इता आज आवो सती, चढ आंजस काठां चढै॥

स्रोत
  • पोथी : उमादे भटियाणी रा कवित्त ( प्राचीन काव्य) ,
  • सिरजक : आशानंद बारहठ ,
  • संपादक : मनोहर शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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