चमके नित सीस तिहारे चंद, अहि नाचे कर फुफकार अति।
गावे नित तव गुणगान गंग, संग करते सुर प्रणाम सभी॥
भभुति राजे तव अंग भली, रज शीश लगावत काम रति।
अब आस तिहारी बड़ी आज, मम हिये वास शिव छोड़ मति॥
कर जोड़ कवि नित टेर करे, प्रणाम करूं नित सती पति॥