भूतल को भार देख माधव प्रकट भये,
क्रुद्ध हो कृष्ण मार्यो कंस अहंकारी को।
माधव बजावे बंशी यमुना के तीर मधु,
मन मोह लीन्हों श्याम राधा मन प्यारी को।
देखे सब दुःख दूर करत है दीनबंधु,
जन्म बधाई आज बांके बिहारी को॥