गहिबो अकासन को लहिबो अथाह थाह,
अति विकराल व्याल कलि कों खिलायबौ।
ढाल तलवार औ तुपक पर हाथ बान,
गज मृगराज दोनुं हाथन लरायबौ॥
गिरतें गिरत पंच ज्वाल में जरत पुनि,
कासी में करौत तन हिम में गरायबौ॥
विषय विष पीबौ कछु कठिन न नागर कहै,
कठिन कराल एक नेह को निभायबौ॥