मरु जज्ञ कथा और चामीकर कोष-लाभ,
परीक्षित जन्म अस्त्र तेज तैं बचायो सो।
अश्व मोक्ष रक्षा जुक्त दीक्षा त्यों युधिष्ठिर की,
सुदर्शन कथा धर्म वैष्णव बतायो सो।
चित्रांगदा-पुत्र ब्रभुवाहन को अद्भुत सो,
विक्रम सुनत लोक विस्सै उपजायो सो।
मख की समाप्ति भये दक्षिणा अनेक द्रव्य,
पायो मन वांच्छित जो जाचबे कौं आयो सों॥