जन्मेजय सर्प सत्र ययाती भरत जन्म,

अंशा अवतर्न शस्त्र शिक्षा अनुमानिये।

लाक्षागृह बद्ध त्यों हिडंब बकासुर को,

द्रौपती स्वयंवर राधा वेध जानिये।

राज्य अर्थ लाभ वनोवास वर्ष द्वादश को,

अर्जुन को सुभद्रादि त्रिया लाभ मानिये।

खांडु दाह कम्बु अखैतून धनु सभा लाभ,

आदिपर्व सूचीपत्र निके कै पिछानिये॥

स्रोत
  • पोथी : पाण्डव यशेन्दु चन्द्रिका ,
  • सिरजक : स्वामी स्वरूपदास देथा ,
  • संपादक : चन्द्र प्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादमी, नई दिल्ली। ,
  • संस्करण : तृतीय