वैराग नीं रैवे किणी तरै रो राग

वासना ना तिरस

बस, एक आस

एक दरस

पण वैरागी चावै

दुनिया उण रा दरस पावै

वासना रा कीड़ा इण तरै किलबलावै

वैराग वचनां रो

करमां में नीं रळ पावै

स्रोत
  • पोथी : इत्ती सी तो बात है ,
  • सिरजक : रोशन बाफना ,
  • प्रकाशक : गायत्री प्रकाशन