मने कईं के

तू अमारे तोड़ में आव

पेला मने कईंक

तू अमारे तोड़ में आव

मने नै तोड़ देकाऐ

के पेलू तोड़

मने ते आकै

किसोड़ ने किसोड़ देकाऐ।

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : प्रदीप भट्ट ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham