बणता नै दैख

सै बणावै

रूलता नै रूलावै

बणती में आवै

जरां बोलै मोसो

बी पर मारै ठोसो।

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : विश्वम्भर प्रसाद शर्मा ‘विद्यार्थी’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन