कुहरा मं

लिपट्योडी साम

लिख जावै है नाम

होठां रै माळे।

जद चाली

ठण्डी डण्डी भाळ

मन लिपटण नै होवै

थारा नाम सूं

पण तू नी होवै।

रोजीना होवै है

साम

पण तू नी आवै

आवै है

थारो नाम।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : पूरन सरमा ,
  • संपादक : दीनदयाल ओझा